एक कहानी आकर्षण के सिद्धांत पर

एक कहानी आकर्षण के सिद्धांत पर

The Law of Attraction

कुछ समय पहले की बात है 4 कॉलेज स्टूडेंट्स थे जो साथ रहे साथ पढे सब एक जैसे ही थे जैसे-जैसे समय बीता चारों की पढ़ाई समाप्त हुई और सब अपने-अपने घर लौटे
2-3 वर्ष बाद वो सब एक बार फिर मिलते है पर इस बार सब अलग-अलग थे

एक बहुत सफल व्यवसायी बन गया और उन्हीं में से एक बहुत खराब स्थिति में था मतलब आर्थिक रूप से बहुत कमजोर, या कहे तो बहुत गरीब था

जब वो मिले तो बाद में उस गरीब मित्र ने उस व्यवसायी मित्र से पुछा की भाई तुम ने ऐसा क्या किया जो तुम इतने अमीर हो गए तब वो अमीर मित्र बोला मैंने ऐसा कुछ भी अलग नहीं किया जो मैं सोचता था वो अपने आप होते चला गया और मैं अमीर बन गया

तब वो गरीब वाला मित्र बोला यार ऐसे कोई सोचने से अमीर बनता तो आज मैं भी अमीर होता और मैं तो रोजाना सोचता हूँ की काश मैं भी अमीर बन जाऊँ। पर मैं तो आज तक नहीं बना

तब वो अमीर मित्र बोला बस मित्र यही फर्क है मेरे में और तुम में तुम सोचते थे की काश मैं अमीर बन जाऊँ और मैं सोचता था की मैं अमीर बन गया अब पैसे कहाँ-कहाँ खर्च करने है

तब वो गरीब व्यक्ति बोला चलो भाई ठीक है मैं तुम्हारी बात मान लेता हूँ आज से मैं वही करूंगा जो तुम कहोगे तब वो अमीर मित्र कहता है की तुम बस अपनी सोच बदलो और मुझे ये बताओ की तुम्हें क्या चाहिए

गरीब व्यक्ति सोचता है की अब मैं इसे गलत साबित कर दूंगा और तब ये मुझे बता देगा की असल मे ये अमीर बना कैसे ??? और वो पेपर में एक मर्सडिज कार का फोटो वाला विज्ञापन उसे दिखा के बोलता है की मुझे ये कार चाहिए।

तब वो अमीर दोस्त कहता है ठीक है ये डिसाइड करो की ये तुम्हें कब और किस रंग की चाहिए और इसकी फोटो की बहुत सारी कॉपी करवा के ऐसे अपने पास रखो की ये हमेशा तुम्हारी नजरों के सामने रहे और उस गरीब व्यक्ति ने ऐसा ही किया यकीन मानो दोस्तों उसने उस कार को इस कदर चाहा की दिन रात बस कार कार की रट लगाये रहता वो कार एक तरह से उस के दिल में बस गयी।

समय बीतता गया वो उस अमीर व्यक्ति की बातों में से सिर्फ ये ही याद रख पाया की उसे ये कार खरीदनी है

अपने आप उसे अपना व्यवसाय शुरू किया मुनाफा कमाया और इस काबिल बन गया की उस कार को खरीद सके उसने अपने उस अमीर मित्र को बुलाया और कहा की चलो वो कार लेके आते है वो शोरूम गए वह जा के पता चला कार का वो मॉडल तो बंद हो गया उसका नया मॉडल गया है पर वो व्यक्ति तो उसी कर के लिए पागल था और तब वो अपने उस अमीर दोस्त को बोला की तुम तो बोलते थे की सब सोच ने से होता है अब कहा गयी तुम्हारी वो बातें आज मेरे पास पैसा है पर फिर भी मैं वो कार नहीं खरीद पा रहा हूँ

तो वो अमीर दोस्त उस कंपनी के मैनेजर से उस मॉडल की कार के बारे में बात करता है तो वो मैनेजर बताता है की सर एक कार है पर वो डेमो के लिए उपयोग हो चुकी है ,तब वो अमीर व्यक्ति बोलता है ठीक है आप इसे तैयार करवा के दे दीजिये
और जब वो कार उस व्यक्ति जो पहले गरीब था के सामने लायी जाती है तो वो बहुत खुश होता है और अपने दोस्त को धन्यवाद बोलता है
उसी समय मैनेजर की नजर उसके हाथ में ली हुई उस कार की फोटो {जो उसने पेपर के एक विज्ञापन से ली थी } पर पड़ती है और वो उन्हें बताता है की सर इसी कार की फोटो खींच कर हम ने ये विज्ञापन दिया था।

तब वो व्यक्ति वाकई मान लेता है की अगर सोच अटूट हो तो कुछ भी मिल सकता है चाहे वो कितना भी बड़ा क्यों हो.

मित्रों यही आकर्षण का सिद्धांत है.
सब हमारी सकारात्मक सोच का नतीजा है
पर कई बार हम सकारात्मक को नकारात्मक तरीके से सोचते है भविष्य में सोचते है.
हमें वर्तमान में ही अपनी सोच(चाहत) को भरपूर जीना चाहिए

हाँ मित्रों अगर हम ये सोचते है की मैं फेल नहीं हो सकता तो ये भी कहीं कहीं आप की नकारात्मक सोच को हो दर्शाता है इससे पता चलता है की कहीं कहीं आप को फेल होने का डर है।
ऐसे ही किसी भी काम के लिए ले लीजिये जैसे अगर आप किसी व्यक्ति से बात नहीं करना चाहते और आप सोच रहे है की कहीं उसका फोन जाए तो उसका फोन जरूर आता है ,,,....
और जैसे आप कई बार सोचते है मेरे साथ ऐसा हो आप बार बार यही चीज अपने दिमाग में रखते है तो क्या होता है ये आप जानते है .....

दोस्तों कई बार ऐसा होता है कि हम खुद ही अपनी happiness या success के मार्ग में रोड़ा बन जाते हैं और कई मामलों में तो हमें इस बात का पता भी नहीं होता. बार-बार मन में एक ही या कई नकारात्मक विचारों का आना एक ऐसा ही रोड़ा है.

यदि आपके मन में विचार आता है कि ,” मैं भद्दा दीखता हूँ”, या ,”मेरा पति मुझसे प्यार नहीं करता.”, यामुझे अंग्रेजी नहीं आती.”, या ,” मेरा IQ कम हैइत्यादि , तो कहीं ना कहीं ये आपके personal development में hurdle बन रहे हैं.

ऐसे ही नकारात्मक विचारों से निजात पाने के एक बहुत ही effective process के बारे में जानेंगे के लिए पढ़े.


Note: आकर्षण के इस सिद्धान्त को और अच्छे से practical उद्धाहरण के साथ समझने के लिए आकर्षण का सिद्धान्त  और आकर्षण का सिद्धांत- सोच बनती है हकीक़त पढ़े।

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